ईद 2025: खुशियों और भाईचारे का त्योहार
हर साल दुनिया भर में मुसलमान इद-उल-फितर बडे धूमधाम से मनाते है. यह त्योहार रमजान के एक महीने के रोजों के बाद आता है. इस दिन लोग आपस मे गले मिलकर ईद की मुबारक देते है और खुशियां, मिठाईयां एक दुसरे से बांटते है.
ईद-उल-फितर: एकता और प्रेम का संदेश
इद-उल-फितर का महत्व क्या है?
'त्याग का त्योहार' यही इद-उल-फितर का मतलब है. रमजान के दिनों मे मुसलमान रोजें रखते है और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करते रहते है. ईद का सही मकसद है खुशियां मनाना और सभी के साथ प्रेम से और भाई चारा के भावना से रहना. इस दिन गरीबों और जरुरतमंदों को भी खुशियों में शामिल करने की परंपरा है.
ईद का त्योहार कैसे मनाया जाता है?
1. नमाज: मुसलमान लोग अल्लाह का शुक्रिया अदा करने के लिए सुबह नए कपडे पहनकर मज्जिदों मे नमाज पढने जाते है.2. मिठाईया: हर घर मे शेवयां, शीरखुर्मा और अन्य स्वादिष्ट पकवान बनाये जाते है.
3. जकात और फितरा: इद से पहले सभी गरीबों और जरूरतमंदों की मदत के लिए जकात और फितरा दिया जाता है. इससे सभी लोग ईद की खुशियां मना सके.
4. मिलना जुलना: ईद के दौरान मुसलमान लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जा कर ईद की मुबारक देते है और मिठाईयां, उपहारों का आदान प्रदान करते है.
निष्कर्ष:
इद-उल-फितर यह सिर्फ एक त्यौहार नहीं है बल्कि यह प्यार, दया और सद्भावना का संदेश और महत्व बताता है. इद के दिन हमे गरीबों और जरूरमंदों की मदत करने और समाज मे प्रेम, भाईचारा बनाये रखने की प्रेरणा मिलती है. तो आइए, इस इद पर हम सब मिलकर खुशियां और प्यार बांटें और सभी के साथ मिलकर इस त्योहार को खास बनाएं.ईद मुबारक!
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